देखो आया सावन आया सावन झूम के
देखो आया सावन आया सावन झूम के।
घम घम बरसते मेघों के बीच में
प्रकृति भी नाच उठी है छम छम के।
पेड़ पौधे नाच रहे हैं हवाओं के झोकों पे
पहाड़ भी नाच उठे हैं उड़ते बादलों के धुन पे।
मोर नाच रहा है बगिया में झूम के
कांवरिये नाच रहे हैं बम बम के धून पे।
खेत नाच रहे हैं रिमझिम के तान पे
किसान नाच रहे हैं फसलों के गान पे।
नंदी बाबा भी नाच उठे भक्ति भाव के धुन पे
उधर नाग देवता भी नाच रहे है बीन के धून पे।
पंडित जि नाच रहे है मन्त्रों के धून पे
भक्त नाच रहे हैं हर हर महादेव के जयकारे पे।
इधर माँ पार्वती रगड़ रही भंगिया सील पे
उधर भोला बाबा नाच रहे हैं डमरू के ताल पे।
दादा दादी चाचा चाची भईया भाभी के साथ मित्र नाच रहे हैं
अजय राघवेन्द्र धर्मेन्द्र केसरी सावन डिजेवाले के बेस पे।
पूरा सावन नाचेगा भक्ति के तान पे,
देखो आया सावन आया सावन झूम के।
👌👌👌
ReplyDeletethanks जी
Deletenice
ReplyDeleteDHANYVAD MITRA
DeleteMasti bhare Saawan ka bakhubi chitrran👌👌
ReplyDeleteSHUKRIYA MITRA. KYA APNA NAM BATA SAKTE HO
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