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Wednesday, 12 February 2025

HUG (एक दूसरे के गले मिलना) करके एक दूसरे के जज्बातों प्यार का इजहार करते आज के युवा पीढ़ी

HUG (एक दूसरे के गले मिलना) करके एक दूसरे के जज्बातों प्यार का इजहार करती आज की युवा पीढ़ी 

Pic Credited by GOOGLE 

वेलंटाईन दिन से दो दिन पहले HUG दिन के रूप में मनाया जाता है। जिसमे लोग अपने प्रेयसी प्रेमिका जो भी कह लीजिये, उनसे गले मिलते हैं और अपने जज्बातों को गले मिलने के बहाने एक दूसरे से शेयर करते हैं। ऐसा पहले के और आज के नए दार्शनिकों का कहना है। आजादी जो है किसी भी चीज पर अपने हिसाब से कोई भी मत तैयार करके उसपर निर्णय देकर वही सच है का एक जोरदार ढिंढोरा पीटकर उसे ही सही साबित करने का। अभी आप मिडिया के माध्यम से देख ही रहे होंगे कैसे दो इन्फुलेंसर और एक पॉडकॉस्टर माँ और पिता के बैडरूम के अंदर पहुंचकर वहां के बारे में बाते करने लगते हैं और जबतक विवाद बढ़ता नहीं है वे सही हैं का चस्पा लगाकर आगे बढ़ने की कोशिस करते हैं।  खैर इसपर फिर कभी बात करेंगे आज तो सिर्फ HUG दिन पर बात करेंगे। तुरंत गले मिलना एक प्रेमिका या प्रेमी के प्यार के आदान प्रदान के लिए कितना जरुरी है।  

गले मिलना अच्छी बात भी है। मुन्ना भाई एमबीबीस फिल्म देखी भी होगी आप लोगों ने कैसे फिल्म के हीरो मुन्ना भाई यानि संजय दत्त झट से गले मिलकर खतरनाक से खतरनाक बिमारी को ठीक कर देते थे। किसी के खराब मुड़ को ठीक कर देते थे। और मरीज अच्छा महसूस करके या तो ठीक हो जाता है या पहले से कई गुना अच्छा महसूस करने लगता है। 

यहाँ हमारा कहना था कि अगर प्यार ही प्राप्त करना है तो सिर्फ प्रेमिका के ही गले क्यों मिलना। हम और किसी के गले भी मिलकर उसे प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है उस समय हमें उसे ही प्राप्त करना होता है लेकिन जब उसे प्राप्त करना है कि भावना आ रही है तो प्यार कहाँ ! प्यार है तो फिर सभी के गले मिल सकते हैं , फिर वो समाज का कोई भी व्यक्ति क्यों न हो।  आमिर हो या गरीब प्यार तो हर किसी को चाहिए। फिर हम उनके गले मिलकर उन्हें ये चीज दे सकते हैं। लेकिन अगर किसी खास के गले मिलकर ही कोई खास चीज शेयर होती है तो शायद वह चीज प्यार तो नहीं होगी। उसे आप समयानुसार अपने हिसाब से कोई भी नाम दे सकते हैं। 

फिर से मुन्ना भाई mbbs पर आते हैं। जहाँ मन्ना झाड़ू पोछा वाले को भी गले लगाता है। अस्तपताल के डीन को भी गले लगाता है। मरीज को भी गले लगाता है तो वहां पर काम करने वाले नर्सिंग कर्मचारियों को भी गले लगाता है। और सभी के जीवन को खुशियों के माध्यम से भर देता है। और जो प्रेमिका उसे ठुकरा चुकी थी कि वह डॉक्टर नहीं है बिना उसके गले मिले दूसरों के गले मिलकर उसे गले मिलने के लिए मजबूर नहीं उसे विश्वास के साथ पास लाता है कि मैं गले पड़ने वालों में से नहीं हूँ मैं गले मिलकर सदा के लिए कुछ न कुछ देने वाला हूँ। और वहीँ गले मिलकर प्यार को शेयर कर देता। 

बस बात इतनी सी है अगर गले मिलकर प्यार को शेयर करना ही है तो अपने आस पास रहने वाले उन सभी के गले मिलिए जिन्हे उसकी सख्त जरुरत है। और अगर प्यार सचमुच में है तो बिना गले मिले भी हो जाएगा। उसके लिए गले मिलने की तो बिलकुल ही जरुरत नहीं पड़ेगी। 

- अJAY नायक 'वशिष्ठ'

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