Breaking

Recent Posts: Label / Tag Ex:

Sunday 25 February 2018

चुलबुली सी खूबसूरत हसीना- श्रीदेवी

       
         कल रात हिंदी फिल्म उद्योग की पहली महिला सुपरस्टार श्रीदेवी जी का दिल का दौरा पड़ने से 54 साल की उम्र में निधन हो गया। जहाँ वह अपने पति बोनी कपूर के भांजे की शादी में गयी हुयी थी। उनके इस आसमयिक निधन से हम ही नही पूरा भारत ही स्तब्ध है। लोंगो को सुबह उठते ही जैसे ही यह खबर समाचार चैनलों से मिली लोंगो को एकबारगी विश्वास ही नही हुआ। क्योंकि उन्हें दिल से संबंधित कोई बीमारी ही नही थी। वो खुद लोंगो के दिलों पर राज करती थी। दौरा पड़ना ही था तो उन्हें पड़ता जिनके दिलों पर वह राज करती थी। और इससे पहले ऐसे कोई खबर भी नही आई थी कि वो बीमार है। इसलिए और भी विश्वास नही हो रहा था।
  अब जो होने को था वो हो गया । मौत से कोई भी नही जीत पाया है। इसे जब आनी तब आएगी ही चाहे आप कैसे भी ना हो। आज करोड़ों दिलो को एक बड़ा सा सदमा देकर चली गयी है। लोंगो के दिलों के साथ, उनके द्वारा किये गए इस चालबाजी को लोग लम्बे समय तक याद रखेंगे। और हमेसा भविष्य की निगाहों पर नजर बनाए रखेंगे। इस विश्वास के साथ कि ये निगाहें चादनी रात में एक बार फिर से चमक उठेगी। और हमारी जुदाई इन्ही चादनी रातों में खत्म हो जाएगी। हिम्मतवाला बनकर इस धरती पर आ जाएंगी। इसके खुद खुदा होंगे जिन्हें हम खुदागवाह कहेंगे।
    आज वो हमारे बीच नही है। उनकी वो सारी फिल्में एक एक करके याद आ रही है जिसे हम बड़े ही चाव से बचपन से ही देखते आ रहे थे। उनकी फिल्मों के प्रति एक अलग तरह की उत्सुकता रहती थी । जैसे आज लोंगो के मन मे दीपिका पादुकोण और कंगना रनौत के फिल्मो के प्रति है। हम ये तो ठीक से बता नही सकते हैं कि कुछ अलग तरह की फिलिंग भी थी या नही। लेकिन उनके उनके चेहरे को देखते ही या उनका नाम सुनते ही कुछ अलग तरह का महशुस जरूर करते थे। उनकी फिल्मों को ना चाह कर भी देखने लगते थे।
   हमने सबसे ज्यादा उनकी चालबाज और हिम्मतवाला देखी है। आज भी, जब भी टेलीविजन पर लगती है। उसे जरूर  देखते ही हैं। उनके संवादों की अदायगी, जैसे लगता है कि वह कोई फिल्मी डायलॉग नही बोल रही है। ऐसे ही बोले जा रही हैं। उनकी खूबसूरती के बारे में जितना बोलो उतना ही कम है। उनकी आँखे उनकी खूबसूरती को और बढ़ा देती थी। चुलबुली सी अदाएं मन मोह लेती थी। जुदाई के बाद उन्हें हिंग्लिश फ़िल्म में देखा । थोड़ी सी बदली बदली नजर आ रही थी। लेकिन खूबसूरती अब भी वैसी ही थी, जैसा हमने उन्हें जुदाई फ़िल्म में देखा था।
         अब कुछ यादें ही रह गयी है।
         कल तक जो हकीकत थी।
         आज फिर से सपनो में खो गयी हैं।
         अब कुछ यादें ही रह गयी है।

        अब इन्ही यादों के सहारे हम उन्हें याद करते रहेंगे। और आने वाले पीढ़ियों को उनके बारे में बताते रहेंगे। एक चालबाज थी जिसने अपनी चुलबुली आदाओं से हमसे जुदा हो गई।
 

No comments:

Post a Comment