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Wednesday 30 May 2018

31 मई विश्व तम्बाकू दिवस (भविष्य की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक )

31 मई विश्व तम्बाकू दिवस  (भविष्य की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक) 

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हर वर्ष की तरह इस वर्ष 31 मई 2018 को पूरा विश्व  " विश्व तम्बाकू दिवस " के रूप में मना रहा है।  आज पुरे विश्व में तम्बाकू के सेवन करने वालोंमई संख्या दिनप्रतिदिन बढती ही जा रही है।  वो भी ऐसे समय में जब हम एक जगह बैठकर तम्बाकू के सेवन और धुम्रपान से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में सिर्फ एक बटन दबाकर सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। तम्बाकू खाने से होनेवाले फायदे के बारे में क्या बोले, लेकिन इससे होनेवाले हानि के बारे में बहुत सी बाते कर सकते हैं। हम एक क्लिक से पता कर सकते हैं कि पुरे विश्व में तम्बाकू सेवन करने से रोज कितने लोग अपने प्राण गँवा देते हैं। लोंगो का जीवन तम्बाकू सेवन करने के बाद उनका एवम उनके परिवार का जीवन कैसा हो गया है। जो इसका सेवन करते हैं वे तो मरते ही हैं , जो इनके सम्पर्क में रहते हैं उनके अन्दर भी तम्बाकू से और धुम्रपान से होने वाली बिमारियों की सम्भावना या उनके उन बिमारियों से मरने की संभावना 50% बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सन 1984 से " विश्व तम्बाकू दिवस " के रूप में मना रहा है। और लोंगो को जागरूक कर रहा है। 
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विश्व तम्बाकू
दिवस 
    WHO के एक आकडे के अनुसार हर रोज तम्बाकू के सेवन से भारत में 2800 लोग मृत्यु के मुंख में समा जाते हैं।  एक आकड़े के अनुसार पुरूषों में 50 % कैंसर और महिलाओं में 25 % कैंसर तम्बाकू के सेवन से होता है।  पुरे विश्व में  5  से 6  लाख लोग पैसिव धूम्रपान (निष्क्रिय) से मरते हैं।  जिनमे मरने वालों में 2  लाख तक बच्चे हैं। ये लोग धूम्रपान नहीं करते हैं। ये धूम्रपान करने वालों के आसपास रहते हैं। यह स्थिति विकासशील देशों में विकसित देशों से भी ज्यादा है। आंकड़े तो इससे भी भयानक है लेकिन बहुत से आंकड़े सामने तो आ ही नहीं पाते हैं। WHO के अनुसार आज प्रती वर्ष 50 लाख लोग मरते हैं लेकिन अगर हमने तम्बाकू और धुम्रपान के सेवन पर रोक या उनका सेवन करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई तो 2030 तक तम्बाकू से मरने वालों की संख्या प्रति वर्ष 80 लाख तक पहुँच जायेगी। 
    WHO के अनुसार विश्व के 80% पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं। जिसमे भारत के 10 % लोग धुम्रपान करते हैं।  यहाँ के 25 से 27 करोड़ लोग किसी ना किसी के रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। तम्बाकू का सेवन करने वालों में मुंह का कैंसर होने की संभावना 90% होती है।  भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत के ग्रामीण भाग में रहने वाली 2 % महिलाएं धुम्रपान करती हैं और शहरों में 0.5 % महिलाएं ही धुम्रपान करती हैं। पुरे भारत की 10 % महिलाएं किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करती हैं।  स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की 12 % महिलाएं और शहरी क्षेत्र की 6 % महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। भारत का 3 रा पुरुष तम्बाकू का सेवन करता है। एक गैर सरकारी संगठन के डॉ अग्रवाल के अनुसार तम्बाकू या धुम्रपान के सेवन से महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना 6 % बढ़ जाती है। 
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      विश्व के 125 देशों में तम्बाकू का उत्पादन होता है। जिसमे 5.5 ख़रब सिगरेट का उत्पादन होता है। जिसे 1 अरब से ज्यादा लोग इसका उपयोग करते हैं।  भारत में 10 अरब  सिगरेट का उत्पादन होता है। इसी से आप पता कर सकते हैं की आज धुम्रपान करना लोंगो की आदत के साथ साथ एक जरुरत बन गयी है।  यह खतरा सिर्फ धुम्रपान करने वालों के लिए ही नहीं है। धुम्रपान करने वालों के आसपास रहने वालों लोंगो के लिए भी उतना ही खतरनाक बनता चला जा रहा है।  चाहे वे धुम्रपान करे या ना करे। 
      भारत के बहुत से राज्यों में सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने की मनाही है।  जिसके लिए सख्त सजा और जुर्माने का भी प्रवधान है।  लेकिन क्या लोग इससे डरते हैं।  बिलकुल ही नहीं।  उल्टे आप देखोगे तो प्रतिबंधित जगहों पर चोरी छुपे कुछ ज्यादा ही तम्बाकू से सबंधित पदार्थ बिकता है।  और लोग बिंदास्त होकर खरीदते हैं व उसका सेवन भी करते हैं। भारत सरकार और भारत की राज्य सरकारों ने किसी भी सार्वजनिक स्थानों से (विद्यालय , महाविद्यालय. विश्वविद्यालय , अस्तपताल , सरकारी कार्यालय , रेल्वे स्थानक।, बस स्थानक ) 100 mtr  की दुरी तक तम्बाकू , धूम्रपान जैसी सम्बन्धित चीजों को बेचने पर प्रतिबंध लगा कर रखा हुआ है। ना तो सरकार इसपर अच्छे से कार्यवाही करती है , और ना ही हम ऐसे प्रतिबंधों को मानते हैं।  जब तक खुद पर इसका बुरा असर ना पड़े।  
      तम्बाकू के सेवन से सिर्फ कैंसर ही नहीं और भी बीमारियां  होती है।  जिसके प्रति हम अनभिज्ञ रहते हैं।  महिलाओं के द्वारा धूम्रपान करने से उनके  बच्चे के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है. वह पैदा होते ही शारीरिक रु से दुर्बल होता है।  धूम्रपान  से गर्भधारण में भी समस्या आती है।  और बीमारियां जो पुरुषों में होता है वही महिलाओं में भी होता है।  ससमय से पहले आँखों की रौशनी कम होना।  मोतियाबिंद होना।  शरीर में पानी की कमी होना जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन का होना।  होठों का काला होना।  समय से पहले बालों का रुखा होकर झड़ना।  टि बी रोग भी धूम्रपान के सेवन से ही होता है। फेफड़ों का कैंसर भी धूम्रपान करने से ही होता है। अधिक मात्रा में धूम्रपान करने से श्वसन से सम्बन्धित बीमारियां घेर लेती है।  जो आगे चलकर जीवर को एकदम से नारकिय बना देता है।  मधुमेह (sugar ) रोग होने का एक कारण धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन करना भी है। समय से पहले ही आदमी बूढ़ा दिखने लगता है।  उसके अंदर एक चिड़चिड़ापन सा आ जाता है।
   
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   अगर हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ जीवन देना है तो हमें और हमरी सरकारों को आज ही से तम्बाकू और धूम्रपान के खिलाफ लड़ना होगा।  उसके खिलाफ कुछ कड़े निर्णय लेने होंगे।  तभी जाकर हमारी आने वाली पीढ़ियां एक स्वच्छ वातावरण में जी पाएगी।  हम उन्हें तम्बाकू और धूम्रपान से बचा पाएंगे। क्योंकि आज धूम्रपान और तम्बाकू के चपेट में हमारी 12 साल से बड़े सभी लड़के आ गए हैं। आज के बच्चे धूम्रपान करना शान की बात समझते हैं। अगर हमें इन्हे बचाना है तो इसके लिए जरुरी है एक मजबूत इच्छा शक्ति की।  जिसकी वजह से हमारा भविष्य निरोगी हो। और यह किसी एक के प्रयास से नहीं होने वाला सभी के प्रयास से होने वाला है।  आईये हम वचन ले कि "अपने सुनहरे भविष्य के लिए  ना तो खुद तम्बाकू और धूम्रपान का सेवन करेंगे और दूसरों को भी तम्बाकू और धूम्रपान सेवन ना करने के लिए प्रेरित करेंगे।"
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