31 मई विश्व तम्बाकू दिवस (भविष्य की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक)
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WHO के अनुसार विश्व के 80% पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं। जिसमे भारत के 10 % लोग धुम्रपान करते हैं। यहाँ के 25 से 27 करोड़ लोग किसी ना किसी के रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। तम्बाकू का सेवन करने वालों में मुंह का कैंसर होने की संभावना 90% होती है। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत के ग्रामीण भाग में रहने वाली 2 % महिलाएं धुम्रपान करती हैं और शहरों में 0.5 % महिलाएं ही धुम्रपान करती हैं। पुरे भारत की 10 % महिलाएं किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की 12 % महिलाएं और शहरी क्षेत्र की 6 % महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। भारत का 3 रा पुरुष तम्बाकू का सेवन करता है। एक गैर सरकारी संगठन के डॉ अग्रवाल के अनुसार तम्बाकू या धुम्रपान के सेवन से महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना 6 % बढ़ जाती है।
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भारत के बहुत से राज्यों में सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने की मनाही है। जिसके लिए सख्त सजा और जुर्माने का भी प्रवधान है। लेकिन क्या लोग इससे डरते हैं। बिलकुल ही नहीं। उल्टे आप देखोगे तो प्रतिबंधित जगहों पर चोरी छुपे कुछ ज्यादा ही तम्बाकू से सबंधित पदार्थ बिकता है। और लोग बिंदास्त होकर खरीदते हैं व उसका सेवन भी करते हैं। भारत सरकार और भारत की राज्य सरकारों ने किसी भी सार्वजनिक स्थानों से (विद्यालय , महाविद्यालय. विश्वविद्यालय , अस्तपताल , सरकारी कार्यालय , रेल्वे स्थानक।, बस स्थानक ) 100 mtr की दुरी तक तम्बाकू , धूम्रपान जैसी सम्बन्धित चीजों को बेचने पर प्रतिबंध लगा कर रखा हुआ है। ना तो सरकार इसपर अच्छे से कार्यवाही करती है , और ना ही हम ऐसे प्रतिबंधों को मानते हैं। जब तक खुद पर इसका बुरा असर ना पड़े।
तम्बाकू के सेवन से सिर्फ कैंसर ही नहीं और भी बीमारियां होती है। जिसके प्रति हम अनभिज्ञ रहते हैं। महिलाओं के द्वारा धूम्रपान करने से उनके बच्चे के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है. वह पैदा होते ही शारीरिक रु से दुर्बल होता है। धूम्रपान से गर्भधारण में भी समस्या आती है। और बीमारियां जो पुरुषों में होता है वही महिलाओं में भी होता है। ससमय से पहले आँखों की रौशनी कम होना। मोतियाबिंद होना। शरीर में पानी की कमी होना जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन का होना। होठों का काला होना। समय से पहले बालों का रुखा होकर झड़ना। टि बी रोग भी धूम्रपान के सेवन से ही होता है। फेफड़ों का कैंसर भी धूम्रपान करने से ही होता है। अधिक मात्रा में धूम्रपान करने से श्वसन से सम्बन्धित बीमारियां घेर लेती है। जो आगे चलकर जीवर को एकदम से नारकिय बना देता है। मधुमेह (sugar ) रोग होने का एक कारण धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन करना भी है। समय से पहले ही आदमी बूढ़ा दिखने लगता है। उसके अंदर एक चिड़चिड़ापन सा आ जाता है।
अगर हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ जीवन देना है तो हमें और हमरी सरकारों को आज ही से तम्बाकू और धूम्रपान के खिलाफ लड़ना होगा। उसके खिलाफ कुछ कड़े निर्णय लेने होंगे। तभी जाकर हमारी आने वाली पीढ़ियां एक स्वच्छ वातावरण में जी पाएगी। हम उन्हें तम्बाकू और धूम्रपान से बचा पाएंगे। क्योंकि आज धूम्रपान और तम्बाकू के चपेट में हमारी 12 साल से बड़े सभी लड़के आ गए हैं। आज के बच्चे धूम्रपान करना शान की बात समझते हैं। अगर हमें इन्हे बचाना है तो इसके लिए जरुरी है एक मजबूत इच्छा शक्ति की। जिसकी वजह से हमारा भविष्य निरोगी हो। और यह किसी एक के प्रयास से नहीं होने वाला सभी के प्रयास से होने वाला है। आईये हम वचन ले कि "अपने सुनहरे भविष्य के लिए ना तो खुद तम्बाकू और धूम्रपान का सेवन करेंगे और दूसरों को भी तम्बाकू और धूम्रपान सेवन ना करने के लिए प्रेरित करेंगे।"
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