फिर से चलने तैयार बैठा हूं
वो मेरा हिसाब लगाए बैठे हैं
मेरे हर छोटे बड़े बात पर
जिरह करने कराने तैयार बैठे हैं
उन्हें पता नही है, मैं प्यार में,
बह जाने वाला व्यक्ति नही हू
तुम पर किए, एक एक खर्चे का,
पूरा बही खाता तैयार किए,
तुम्हारे इंतजार में बैठा हूं ।
मेरे हर छोटे बड़े बात पर
जिरह करने कराने तैयार बैठे हैं
उन्हें पता नही है, मैं प्यार में,
बह जाने वाला व्यक्ति नही हू
तुम पर किए, एक एक खर्चे का,
पूरा बही खाता तैयार किए,
तुम्हारे इंतजार में बैठा हूं ।
तुम अगर नहला मारोगे
मैं दहला लिए बैठा हूं
तुम बादशाह लिए बैठे हो
मैं भी बेगम लिए तैयार बैठा हूं
हर काट का उपाय लिए बैठा हूं
ऐसे ही नही तुम्हे छोड़ दूंगा
तुम्हारे हर एक वार के लिए
एक एक तोड़ लिए बैठा हूं।
मैं दहला लिए बैठा हूं
तुम बादशाह लिए बैठे हो
मैं भी बेगम लिए तैयार बैठा हूं
हर काट का उपाय लिए बैठा हूं
ऐसे ही नही तुम्हे छोड़ दूंगा
तुम्हारे हर एक वार के लिए
एक एक तोड़ लिए बैठा हूं।
तुम्हे लगता है
मैं एक नादान सा परिंदा हूं
जिसे कुछ भी नहीं पता है
मेरे दोस्त, भाई
ये सब करके देख लिया हूं
यहां न कोई हारा है न कोई जीता है
सब कुछ करके
अपना ही सबकुछ बिगाड़ कर बैठा हूं।
मैं एक नादान सा परिंदा हूं
जिसे कुछ भी नहीं पता है
मेरे दोस्त, भाई
ये सब करके देख लिया हूं
यहां न कोई हारा है न कोई जीता है
सब कुछ करके
अपना ही सबकुछ बिगाड़ कर बैठा हूं।
ये रात बड़ी घोर डरावनी है
फिर भी तुम्हारे साथ चलने के लिए
एक बार फिर से तैयार बैठा हूं
भले बिगड़ चूके हैं रिश्ते हमारे
फिर भी अभी कुछ नहीं बिगड़ा है,
सूरज अपने समय से निकलेगा जरुर
यह विश्वास लिए, पैदा हुआ हूं ।
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’
फिर भी तुम्हारे साथ चलने के लिए
एक बार फिर से तैयार बैठा हूं
भले बिगड़ चूके हैं रिश्ते हमारे
फिर भी अभी कुछ नहीं बिगड़ा है,
सूरज अपने समय से निकलेगा जरुर
यह विश्वास लिए, पैदा हुआ हूं ।
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’
Very nice poetry sir ....
ReplyDeleteचलना है जरुर,साथ हो ना हो हुजूर
चाहते है दिलसे पर रोके ये बैरी गुरुर
THANKS , NICE
DeleteVery fresh and nice thoughts in all the blogs. Feels like reading completely once I start reading.
ReplyDeleteTHANKS DR LUCKY
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