सावन में सब नाचे झूम के
रिम झिम बारिशों के बीचसब नाचे सावन में झूम के,
खेतों में फसलें हरे होकर नाच रहे हैं झूम के,
मोर के साथ मिलकर नाच रहे किसान झूम के,
रिम -झिम बारिशों के बीच सब नाचे सावन में झूम के।
कांवरिये भी नाचे डीजे के धून पर झूम के,
सारा संसार नाचे सावन के स्वागत में झूम के,
रिम -झिम बारिशों के बीच सब नाचे सावन में झूम के।
शिवालयों में घण्टे भी नाच रहे हैं अपने धून पर झूम के,
शंखनाद भी नाच रहे हैं अपने शँख की धून पर झूम के,
सर्प, नंदी भी मदमस्त होकर नाच रहे हैं झूम-झूम के,
रिम -झिम बारिशों के बीच सब नाचे सावन में झूम के।
भक्त भी मंदिरों में उमड़ पड़ें है काँवर ले कर झूम के,
रुद्राभिषेक भी हो रहा हैं पंडितों के जिव्हा से झूम के,
अजय, संजय, राघवेंद्र, भी रौनक के साथ नाचते हुए चल दिये बाबा के द्वार झूम के,
रिम -झिम बारिशों के बीच सब नाचे सावन में झूम के।
- अजय नायक
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