कल किसने देखा
जो कल की बात कर रहे हैं,
उनके लिए बस इतना ही है
उनके लिए बस इतना ही है
आज जो मिल रहा है,
उसे रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
बहुत से आये और गए,
बहुत से आएंगे और जाएंगे।
जो आज आया है,
उसे रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
जेबे कल भी थे सबके पास
जेबे आज भी है सबके पास।
उस जेब में जितना आया
उसे रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
छोड़ दिया, आज जो मिला वो सबकुछ,
कल कुछ ज्यादा पाने के चक्कर में।
जो आया था हाथ में, वो भी चला गया
जो कल आने वाला था उसके चक्कर में।
इसलिए जो है,
उसे रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
जो कल आने वाला था उसके चक्कर में।
इसलिए जो है,
उसे रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
हम ऊँचे खड़े होकर
करीब को देखने की कोशिशें करते हैं,
देखना ही है अगर पास खड़े उस जीव को देखो ,
जो टुटुकी, आस लगाए आपको देख रहा है।
पास खड़े को, रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
करीब को देखने की कोशिशें करते हैं,
देखना ही है अगर पास खड़े उस जीव को देखो ,
जो टुटुकी, आस लगाए आपको देख रहा है।
पास खड़े को, रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
कल किसने देखा है
जो कल की बात कर रहे हैं।
आज जो मिल रहा है,
उसे रखने-सम्हालने में ही अपनी-सबकी भलाई है।
- अजय नायक
www.nayaksblog.com
so thoughtful ,
ReplyDeleteछोड़ दिया आज मिला वो सबकुछ,
कल ज्यादा पाने के चक्कर में।
जो आया वो भी गया
जो कल आने वाला था उसके चक्कर में।