उसके बाप के, बाप के, बाप तक आप पहुंचे
और देखो तबादला हो गया उस बेचारी का।
बात थी किसके बाप के, बाप के, बाप की खबर लेने की
और खुद के बाप के, बाप तक खबरी बन खबर पहुँचा दिया!
इतना तो अपने कमबख्त नजरों से देख लिया होता
अरे बोलते वक्त तो थोड़ा शर्म हया कर लिया होता ।
वह इस देश की एक जिम्मेदार अधिकारी के साथ साथ,
इसी देश की एक अबला नारी भी थी
वो कड़ी धूप में खड़े होकर लड़ रही थी सत्तर दिनों से
ताकि करोना से जल्दी निजात मिले मेरी भारत माँ को।
और तुम कल आकर एक छोटे से मुद्दे को बड़ा बनाकर
उसके बाप के, बाप के, बाप तक पहुंच गए।
इतना भी नही सोचा कि उसपे क्या बीतेगी
जब उसे कर्तव्य के बदले तबादले की चिट्ठी मिलेगी।
उसने तो उसे आदेश मानकर स्वीकार कर लिया
क्या उसकी आत्मा बिना गुनाह जाने जिंदगी भर स्वीकार कर पायेगी।
वह भी कर क्या सकती थी
इसी सिस्टम का हिस्सा जो थी
जब अपने ही, अपनो के सामने, बाप के, बाप को देखने की धमकी दे
तो दोस्तों अपनो से तो दुनिया हारी है
फिर इस राजनीतिक शतरंज के खेल में उसकी क्या बिसात थी।
देखा हमने भी मिली तुम्हे बहुतों की तालियाँ
उसके बाप के बाप तक पहुंचने पर
थोड़ा तो यह भी याद कर लेना चाहिए था
जिन हाथों से आज वे तालियाँ बजा रहे थे
कभी उन्ही हाथों ने गालों पर थप्पड़ भी बजाया था।
उसके बाप के, बाप के, बाप तक आप पहुंचे
और देखो तबादला हो गया उस बेचारी का!
।।हमारा हाथ, हमारा साथ, महाराष्ट्र पुलिस के साथ।।
🙏🙏🙏🙏🙏
- ब्लॉगर अजय नायक
www.nayaksblog.com
हमारा हाथ, हमारा साथ, महाराष्ट्र पुलिस के साथ
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