स्वीकार
चलो जिंदगी से कुछ सबक सीखते हैँ
कुछ गीले-शिकवे पुराने अक्ष भूलते हैँ,
ज़ब तक जीवन है तो यह सब लगा रहेगा
चलो एक नई सुबह, एक नया आरम्भ करते हैँ ।
कुछ गीले-शिकवे पुराने अक्ष भूलते हैँ,
ज़ब तक जीवन है तो यह सब लगा रहेगा
चलो एक नई सुबह, एक नया आरम्भ करते हैँ ।
राहे हजार परेशानियों से पटा हुआ है
राहों मे, अपने ही जो दुश्मन बने खड़े हैँ,
अगर, आगे बढ़ना है, अगर, कुछ करना है
उसी के बिच से ही, हमें एक सड़क बनाना है।
राहों मे, अपने ही जो दुश्मन बने खड़े हैँ,
अगर, आगे बढ़ना है, अगर, कुछ करना है
उसी के बिच से ही, हमें एक सड़क बनाना है।
जबतक स्वीकार करना नहीं सीखेंगे
तबतक लड़ना हम नहीं सीख पाएंगे,
आओ सबसे पहले हम स्वीकार करते हैँ
अपने जीवन के अलभ्य को दूर करते हैँ ।
तबतक लड़ना हम नहीं सीख पाएंगे,
आओ सबसे पहले हम स्वीकार करते हैँ
अपने जीवन के अलभ्य को दूर करते हैँ ।
BLOGGER अjay नायक
www.nayaksblog.com
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