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Wednesday 17 February 2021

पिता

 पिता 



अभी कुछ महीने पहले जून २०२० में भारत के युवा ही नहीं और सभी उम्र के लोगों के दिलों को झकझोर देने वाली घटना घटी।  जब पता चला कि भारतीय फिल्म जगत का एक उभरता कलाकार जो बहुत ही कम समय में एक छोटे से शहर से आकर अपनी मेहनत के बल पर पुरे भारतियों के दिलों पर राज करने के लिए दस्तक दे भी चुका था और हमेशा रहने के लिए घर भी बना रहा था।  आज वह पता नहीं किन कारणों की वजह से अपने घर में आत्महत्या कर लेता है।  वैसे भी २०२० शुरू से ही हमे झकझोर रहा था। लेकिन इस घटना ने तो एकदम से ही हमे शून्य कर दिया था। कि जिसके पास पैसा, नाम , सोहरत, स्टारडम, सबकुछ था।  जिनके पीछे हजारों लोग एक झलक देखने के लिए भागते रहते हैं।  उस मुकाम पर पहुंचा व्यक्ति, आज कुछ ऐसी हरकत करेगा। जिस पर जल्दी विश्वास कर पाना मुश्किल हो रहा था। और यह मुश्किल सिर्फ अभी ही नहीं होगा भविष्य में भी तमाम प्रकार के सवाल खड़े करते हुए मुश्किल में डालता रहेगा। 
उस व्यक्ति ने आत्महत्या किया जिसने अपने बेटे को एक फिल्म में बाप बनकर कैसे जीवन को जीते हैं वह सिखाया। और जीने की चाह छोड़ चुके बेटे को फिर से जीवन के महत्त्व को समझाते हुए उसे फिर से उसी जीवन में लाने का प्रयास करता है।  और उसमे सफल भी होता है। उस व्यक्ति ने आत्महत्या किया जिसने भारत के सबसे सफल कप्तान धोनी के जीवन पर बनी फिल्म में धोनी को जीवंत किया।  और लोगों को बताया की, कैसे हर हालत में अपने आप को, अपने जज्बातों को काबू में रखते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए।  वह पुरे भारत को ही नहीं पूरी दुनिया को सिखाया। कैसे अपने पिता से एक मौका मांगता है। और बिदास्त तरीके से कहता है कि मेरा जीवन इस प्लेटफॉर्म से उस प्लेटफॉर्म तक जाना या भागना नहीं है।  "उसका जीवन, उसका क्रिकेट है और वह उसी में खुश रह पायेगा।" उस सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। 
पहले तो लोगों को एक बारगी विश्वाश ही नहीं हुआ कि सुशांत सिंह जैसा उम्दा उभरता हुआ कलाकार भी आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है।  लेकिन जो सच होता है वह सच ही होता है।  उसे किसी भी सूरत में झुठला 
नहीं सकते हैं। यहां तक कि हम झूठ मुठ में भी इस घटना को झुठला नहीं सकते हैं। 
सुशांत सिंह ने अपनी मेहनत के बल पर वो सब कुछ पाया जिसे पाने में लोगो की उम्र लग जाती है। लेकिन सुशांत ने अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर बहुत ही काम समय में शिखर तक पहुंचने का रास्ता खोज लिया था। लेकिन वह कहते हैं न स्टारडम एक ऐसी चीज है जो बहुत कुछ देता है तो बहुत कुछ छीन भी लेता है। एक रिपोर्ट के अनुसार सुशांत बहुत दिनों क्या बहुत महीनो से अपने पिता से बात ही किये नहीं थे। बात तो छोड़िये उनसे उनका आमना सामना भी नहीं हुआ था। हाँ वे अपनी बहन से जरूर मिले थे।  लेकिन पिता जो कि उनका आधार था उससे ही दूर हो गए थे।  और एक सबसे बड़ा कारण यही हैं निराशा में घिर कर आत्महत्या करने में।  ऐसा नहीं है कि उनसे अनबन थी या किसी बात को लेकर उनसे विवाद था। अपनी बहनो से नजदीक थे।  लेकिन जो चीज वो देख और पकड़ सकते थे वो कोई और बिलकुल ही नहीं पकड़ सकता था। पिता नाम का व्यक्तित्व ही ऐसा होता है। 
जब जीवन में निराशा, असफलताएं आती है तो वहां उस पिता के तजुर्बे ही काम आते हैं जिसे हम अपनी छोटी सी सफलता के आगे उनके जीवन भर किये गए कार्यों को छोटा आंकने लगते हैं। यह हम भूल जाते हैं कि इतनी परेशानियों के बावजूद भी वह आज तक टिका हुआ ही नहीं है चल भी रहा है।  और मौका मिलने पर फिर से उतनी ही तेज दौड़ भी सकता है। हम अपनी निराशा या असफलताओं को ढूढ़ने के लिए किसी बाहरी व्यक्ति को ढूढते हैं। लेकिन एक पिता जितना अच्छा दोस्त, मनोचिकित्सक, सलाहकार कोई, हो ही नहीं सकता है।  क्योंकि वह जो कुछ बताता है वह अपने जीवन से लेकर बताता है। वह जो भी कुछ करता है, वह अपने जीवन से लेकर करता है। अपने तजुर्बे को निचोड़कर रख देता है। बाहरी व्यक्ति इसका फीस लेता है।  लेकिन पिता कभी फीस नहीं लेता है।  वह इसके उलट आपके साथ डटकर खड़ा रहता है। अगर आप पिता से बात नहीं कर सकते हैं तो उसके जीवन का ही अपने अधीन कर लीजिये। 
पिता या बाप सिर्फ दो अक्षर का ही शब्द है।  लेकिन इस दो अक्षर के शब्द में उनके जीवन का पूरा सार छुपा होता है। बस हमे उसके शरण में सिर्फ एक बार जाने की जरूरत होती है। वो को आपकी सभी समस्यांओ से बाहर निकलने मे सबसे कारगर तरीके से मदत करेगा। वो हम सभी सुने हैं ना अगर कोई बीमारी अच्छे से ठीक नहीं हो रही, नीम हाकिम भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो नानी दादी के घरेलु नुक्शे आजमा लेना चाहिए।  और हम देखते हैं कि अचानक एक चमत्कार सा हो जाता है। एक बाप भी कुछ इसी तरह का होता है। हमे तो लगता है वह इससे भी आगे का बढ़कर होता है। उसके सुझाव में कड़कपन होता है उसकी बोली में कभी मिठास नहीं मिलेगी।  लेकिन अंदर अंदर से एकदम नारियल की तरह कोमल मुलायम सा होता है। इसलिए उसकी दवा यानि मुश्किल समय में उसके सुझाव, उसके द्वारा दिए गए हिम्मत और उसका साथ खड़ा होना हमेशा कारगर सिद्ध होता है।  
BLOGGER अjay नायक
www.nayaksblog.com













4 comments:

  1. बहुत बढ़िया लिखा है

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    1. thanks पिता नाम की एक किताब छप रही है . उसी के लिए लिखा हूँ .

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  2. बहुत अच्छा लिखा है आपने

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