अगर नहीं होता वो,
तो किससे रोज हक से लड़ते झगड़ते!
अगर नहीं होता वो,
तो किससे अपने दिल की बाते कहते!
अगर नहीं होता वो,
तो किसकी उँगलियाँ पकडकर चलना सीखते!
अगर नहीं होता वो,
तो किसके पल्लो में,
धूप बरसात ठंड से बचने के लिए छुप जाते!
अगर नहीं होता वो,
तो किसे अपनी दुखभरी रोज की दास्तान सुनाते!
अगर नहीं होता वो,
तो किसके कंधे पर सिर रखते hi सो जाते!
अगर नहीं होता वो,
तो कौन विश्वास की अलख जलाता जीवन में!
वही सब हैँ हमारे जीवन में,
तभी hm परेशानियों में भी हसते गाते चले जा रहे!
अगर न हो अजय की बातों पर विश्वास,
किसी को जीवन में एक बार खोकर तो देखो,
सब कुछ रहकर भी,
जीवन का एक कोना, कभी न भरा नजर आएगा!
BLOGGER अjay नायक
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