दिनांक : ०१/०७/२०२४
प्रिय भिवंडी सेंट्रल रोटेरियन,
Hello AWESOME रोटेरियन आप सभी को AWESOME प्रेसिडेंट अजय नायक का प्रणाम 🙏
आज 1 जुलाई है। आज से AWESOME वर्ष 2024 - 2025 शुरु हो रहा है। आप सभी के साथ, आशीर्वाद से RC भिवंडी सेंट्रल EXCELLENT वर्ष और पिछले वर्षों से जिन ऊंचाइयों को धीरे धीरे से ही सही, हर वर्ष पुराने पायदानों के साथ एक नए पायदान को छूता आ रहा है, इस AWESOME वर्ष में भी आप सभी के साथ, आशीर्वाद से छुएंगे ऐसा पूर्ण रूप से विश्वास दिलाता हूँ।
कभी गुजरते थे नझराना कम्पाउंड की गलियों से या किसी समाचार पत्र में पढ़ते थे या कहीं भी रोटरी नाम सुनते थे तो आकर्षित करता था लेकिन ये नही पता था एक दिन इसका सदस्य बनूंगा और उसी वर्ष प्रेसिडेंट के लिए नॉमिनेटेड भी हो जाऊंगा। आपको बताता हूँ कि 2005 में मुझे भिवंडी बीजेपी की तरफ से बीजेपी यूथ में काम करने के लिए एक मौका मिला था। तब उसका कार्यालय गोपाल नगर में होता था। सिद्धेश्वर कमूर्ति अध्यक्ष थे। 2014 तक सोचने लगा था कि अच्छा भला पद और एक बड़ा प्लेटफॉर्म मिल रहा था उसे स्वीकार नहीं किया। उसके बाद भी कई बार बुलाया गया अलग अलग लोगों की तरफ से लेकिन वो कहते हैं मंजिल जहां की लिखी रहती है पग भी उसी तरफ बढ़ते चलते हैं। मंजिल तो रोटरी थी तो कहाँ, कहीं और जाकर बैठ जाते।
आप सभी से मिलकर भी शामिल होने के लिए समय मांगा और नियति ने सोचकर रखा था कि तेरी मंजिल रोटरी ही है और ऐसा माहौल बनाया कि 'हाँ' बोलने के सिवा कुछ नहीं बचा। और आज उसी का फल है कि रोटरी जैसे अंतराष्ट्रीय संगठन के एक शाखा का बिना जोड़-तोड़ के अध्यक्ष बन गया हूँ और आप जैसे अच्छे साथी मिल गए। खासकर संतोष, आदेश, सचिन जैसे दोस्त मिले। एक प्रोजेक्ट्स से संतोष और हम ऐसे जुड़े की एक अच्छे मित्र बन गए। इसे रोटरी कहते हैं। जहाँ कर्म भी है और अपने भी है। वैभव नीता तलेले सर जैसे बड़प्पन दिखाने वाले लोग हैं। बिपिन राम किशोर जैसे बेस्ट मैनेजमेंट सीखने सिखाने वाले लोग हैं। किसी काम को कैसे पूर्ण करते हैं ये बताने वाले प्रताप और महेश खड़के हैं। गर्म मिजाज के लेकिन अंदर से बच्चे नीलेश हैं। परफेक्ट सुदर्शन जी। किसी बात का बुरा न मांनने वाले अरविंद, विनायक और सतीश सर की बात ही अलग है। वेंकटेश सर, महेश बदलापुरकर, पवन सिंघल, रैश वंजारे जैसे खुलकर गर्मजोशी से मिलने वाले लोग हैं। इतने सारे लोग अलग अलग क्षेत्र के मिले, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। ये चीज किसी भी राजनितिक पार्टी में कभी नहीं मिलती चाहे आप को प्रधानमंत्री का पद ही क्यों न मिल जाए, असुरक्षा वहाँ सदा आपके साथ रहेगा। लेकिन यहाँ आप हमेशा सुरक्षित रहेंगे क्योकि जो मिलेगा एक वर्ष के लिए मिलेगा। उतने समय में जो करना है वो करिये। चाहे राजनीती कीजिये या काम करके नाम।
किसी भी संगठन के लिए जरूरी है उसके सदस्यों का ज्यादा से ज्यादा मिलना। मेरे हिसाब से इससे यह होता है कि हम अपनी बात लोगों के सामने रख पाते हैं इससे मन में थोड़ी सी भी बनने वाली शंका का निदान हो जाता है। ऐसा इस प्रकार से होता है कि सभी उस विषय पर अपनी राय देते हैं और वह विषय कितना अच्छा था इसके बारे में खुद को पता चलता है। हम जो विषय सोचते हैं वो चूंकि हमारे द्वारा सोचा रहता है इसलिए उससे परफेक्ट कुछ नही है ऐसा हमे लगता है लेकिन जब वह लोगों के बीच जाता है और लोगो का रिएक्शन आता है तब उस विषय की मजबूती का पता चलता है। अगर अच्छा है तो और अच्छा बन जाता है और ख़राब है तो लोगों के विचारों से ख़राब से अच्छे से और अच्छा बन जाता है। इसलिए किसी भी संगठन की मजबूती का सबसे बड़ा कारण है उसके सदस्यों का ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे से किसी एक जगह मिलना, बाते करना, एक दुसरे के सुख दुःख में सम्मिलित होना और दूसरों को भी सम्मिलित करने के लिए प्रेरित करना।
मीटिंग करना लेकिन काम वाली नही एक दूसरे के करीब लाने वाली। एक दूसरे को समझने वाली एक दूसरे के विचारों को सम्मान देने वाली। अभी परसों ही हमारी भारतीय टीम ने 2024 का ट्वेंटी विश्वकप जीता है। वहां लोगों ने रोहित और पंड्या के बारे में क्या क्या नहीं बोला। लेकिन शुरुआत से कहीं लगा कि कहीं थोड़ा सा भी दोनों में अनबन है। और कप जितने के बाद कैसे दोनों लिपटकर रो पड़े। ये एक दूसरे पर विश्वास एक दूसरे को समझने और विचारों को सम्मान देने से आता है।
मिलना जुलना किसी भी संगठन की लाइफ लाइन होती है तो प्रोजेक्ट, ये किसी भी संगठन को स्थिरता प्रदान करते हैं। अगर संगठन को लम्बे समय तक चलाना है तो छोटा, बड़ा कोई न कोई प्रोजेक्ट्स होते रहना चाहिए। शायद यही सोचकर पॉल हैरिस ने रोटरी को फेलोशिप के साथ साथ इसे एक परोपकारी संगठन का रुप दिया।
एक जुलाई से हम भी प्रोजेक्ट्स शुरु कर रहे हैं। जिसमे पहला प्रोजेक्ट्स है ‘अन्नपूर्णा’ यह प्रोजेक्ट्स उन गरीब व्यक्तियों के लिए है जिन्हे एक वक्त की रोटी के लिए कड़ी मशक्क्त करनी पड़ती है। बारिश का मौसम है बारिश की वजह से बहुत जगह काम बंद हो जाते हैं। काम नहीं तो पगार नहीं लेकिन पगार नहीं तो रोटी भी नहीं ऐसा नहीं होता है। भूख तो लगती ही है चाहे काम करो या न करो। और घर बैठने पर और लगती है, अगर महसूस नहीं किये हो तो महसूस करके देखना शायद बिना काम वाले एक मजदुर की पीड़ा समझ में आ जाये। इसलिए डिस्ट्रिक्ट 3142 की तरफ से इस वर्ष की शुरुआत कुछ अलग तरह से करने का निर्णय किया। उसी का पालन करते हुए हमारा क्लब अन्नदान प्रोजेक्ट का आयोजन कर रहा है। ज्यादा करने की इच्छा है लेकिन हमारा क्लब एक शुरुआत कर रहा है। जो आगे चलकर बड़ा होगा।
इसप्रकार से आप सभी के सहयोग से क्लब के सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा ही नहीं उसे एक ऊंचाई तक पहुँचाने का कार्य करने का भी प्रयास करूँगा ऐसा विश्वास दिलाता हूँ। बाते तो बहुत है लेकिन यह सब बातों से ज्यादा कार्यों के द्वारा झलके तो वह सचमुच में सबसे अच्छा होता है। एक बार फिर से मुझमे विश्वास दिखाकर प्रेसिडेंट का पद देने के लिए आप सभी का अभिवादन करता हूँ। आप सभी से सीखना नहीं छोडूंगा।
No comments:
Post a Comment