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Sunday 12 May 2019

माँ

माँ


माँ एक ऐसा शब्द है,
जिसका ना तो ओर है, और ना ही छोर है।
माँ नाम शब्द के आगे,
नीला गगन भी छोटा पड़ जाता है।

माँ जितनी सख्त है बाहर से,
माँ उससे भी ज्यादा अंदर से मुलायम है।
माँ नाम के सामने,
दुनिया की सबसे मुलायम चीज भी कठोर हो जाती है।
माँ प्यार की मूरत है
माँ ममता की देवी है
माँ वो दिव्य शक्ति है
जिसके प्यार के आगे सभी शक्तियाँ छोटी पड़ जाती है।

माँ भूख और प्यास है,
माँ प्यार और दुलार है।
माँ के दुलार के सामने,
बड़े से बड़े दुख छोटे पड़ जाते हैं।

माँ ने अगर एक बार फेर दिया अपना हाथ,
सिर से पाँव तक,
सारी समस्याएं चुटकियों में दूर हो जाएगी।
माँ ने फेर लिया अगर मुंह अपना,
पूरी कायनात ही दुश्मन हो जाएगी आपकी।

माँ फिर भी माँ ही होती है,
इतना कुछ होने पर भी,
जमाने से लड़ते - लड़ते हुए,
दौड़े - दौड़े चली आएगी।
क्योंकि पूत कपूत सुने होंगे हम,
माता ना सुनी होगी कुमाता।
            -अजय नायक
www.nayaksblog.com

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