भूल सुधार
एक गलती की थी।
जो तुझे सिर्फ देखा था।
लेकिन कुछ बोल नहीं पाया था।
आज फिर मौका आया है
उस भूल को सुधारने का।
तुम्हे देखना नही चाहिए था
तुमसे बोलना चाहिए था
तुम्हे विश्वास दिलाना चाहिए था
तुम्हारे मौन को समझना चाहिए था
जो चुप रहकर बोल रही थी।
लेकिन आज मैं बोलूंगा
तुम्हारे हर मौन भरे सवालों का जवाब दूंगा
हां मैं ही हूँ वो,
जो तुम्हे खुश रख सकता है।
तुम्हे प्यार दे सकता है।
तुम्हारे जज्बातों को समझ सकता है।
तुम्हारे दर्द को बांट सकता है।
वादा तो नही कर सकता हूँ
लेकिन निश्छल मन से
इतना विश्वास जरूर दिला सकता हूँ
चले आओ एक बार मेरे पास
तुझे रखूँगा अपने पलकों के छाँव में।
-BLOGGER अJAY नायक
THANKS BHAYI
ReplyDeletenice one
ReplyDelete.
Deleteधन्यवाद
Deletenice one
ReplyDeleteधन्यवाद
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