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Thursday, 16 July 2020

बेटी ( क्यों पेट मे ही मरवा देते हो )

ऐसी क्या नाराजगी हमसे थी  
जो इतनी हैवानियत पर उतर आए 
राक्षस बनकर तो आ नही रही थी
बेटी ही तो बनकर जन्म ले रही थी
जो पेट मे ही मरवा आये।

तुम भी किसी के पेट से ही निकले होंगे
जिसके पेट से निकले होंगे 
वही भी कोई औरत ही रही होगी
इसका मतलब वह भी बेटी होगी
अगर वह भी दुनिया मे नही आयी होती 
तो किसे, निकलकर ऐसे ही मरवा देते।

हम बोझ नही, किसी की लाचारी नही
जिस घर में आते, खुशियों से भर देते 
गर विश्वास नहीं है तो डोली से पहले,
डोली उठने के, बाद का घर देख लेना।

एक बार तो आने दो, 
खुशिहयों को लाने तो दो
पता है हमसे बहुत ही प्यार करते हो
परायी होने के डर से, 
पेट मे ही मरवा देते हो।

अंत मे इतना ही कहूंगी 
हम कभी पराये नही होते 
वो तो आप ही बिहा आते हो
हमारी चिता से भी पूछना
वह भी कहेगी 
बाबुल का घर प्यारा होता है।

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