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Saturday 29 August 2020

यार बहुत याद आता है तू


यार बहुत याद आता है तू  





यार बहुत याद आता है तू 
सारी सारी रात जगा जाता है तू 

अपनी एक एक यादों से 
हमारीआंखों को, लोर से भर जाता है तू 

आज  भी   विश्वास  नहीं  कर  पाता हूँ
इतनी जल्दी  हमे छोड़ चला जाएगा तू 

चारो तरफ तेरा चेहरा ही नज़र आता है 
हर दोस्त में बस नजर आता है तू ही तू 

आज भी अच्छे से याद है वह पहला दिन 
जब मिला था हमें कॉलेज में तू पहली बार 

फिर जो मित्रता हुयी थी हमारे बीच में 
उसे आज एक फोन पर खत्म कर दिया तूने 

हमने यह कभी, यथार्थ का छोड़
हमने सपनो में भी नही सोचा था 
एक दिन तोड़के मित्रता के सारे बंधनो को 
तू इस प्रकार से हमे छोड़ चला जाएगा । 

पिछले 14 महीनों से, पड़ा था खाट पर 
फिर भी हमे संतोष था कि, 
कम से कम हैं तो तू घर पर 

सभी को तकलीफे भी हो रही थी 
पर उन्हें तो तेरा रहना ही उनकी ख़ुशी थी 

देख तो हमे भी नहीं जा रहा था 
तेरा अंदर ही अंदर से घुट कर रह जाना 

जब भी आते इशारों इशारों में बोल रहा था तू 
अब तो यारों यहाँ से चले जाने दो 

लेकिन हम भी तो दोस्त थे 
ऐसे कैसे अपने जिगरी को चले जाने देते 

इसलिए तो, कभी इतनी तकलीफ पर भी, उलटा नहीं सोंचे 
बस यही मन्नते मांगते रहे भगवान से 
बस एक बार और खड़ा कर दो हमारे दोस्त को 
आगे तो वह खुद ही राजी कर लेगा आपको 

पर वो एक कहावत है ना 
होता वही जो मंजूरे  खुदा 

लिख दिया था उन्हीने अपनी कलम से 
इतने ही दिन का यहाँ का दाना पानी 

फिर कैसे उसे हमारे साथ छोड़ देते 
समय होते ही बना लिया अपना हमराही। 

आज की शाम भी वही हुआ 
जो औरों के साथ होता आया 

जो सदियों से रीत चली आ रही 
जो आया है वो एक  दिन जाएगा ही 

आज कल में फर्क सिर्फ इतना था कि 
रोज हम दूसरों का सुनते थे जाना 
आज अपने मित्र को ही देख रहा था जाता। 


यह एक छोटी सी कविता हमारे प्रिय मित्र विवेक (डिम्पल) सिंह को समर्पित है। जिनका अभी २ महीने पहले २१ जून की श्हम को एक लम्बी बिमारी के बाद निधन हो गया। वह समय  के साथ बदलते हुए एक भाई से भी बढ़कर हो गए थे. एक दूसरे  सुख दुःख में  भाग ही नहीं लेते थे।  उसे अपना समझकर सुलझाने का प्रयत्न भी करते थे। वैसे तो बहुत सी बाते हैं।  जिसे कभी और अपनी लेख के माध्यम से उनके व्यक्तित्व का चित्रण अपनी कलम से आप लोगो के आशीर्वाद और प्यार के माध्यम से करेंगे।  क्योंकि वह किसी प्रेरणा से कम नहीं था। 
आप लोंगो ने इसे पढ़ा  इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। बस लोग यहीं प्रार्थना करें वह जहाँ भी हो खुशहाल रहे। 
-BLOGGER अjay नायक 
 

6 comments:

  1. Replies
    1. इससे कहीं ज्यादा वह दिल के पास था . दिल को छूता था . दिल को बहलाता था . दिल को मजबूत करता था . उसकी जगह कोई नही भर पायेगा हमारे इस बचे जीवन में .

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  2. 😢😢 दिल भर आया,.......

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    1. उसका व्यक्तित्व ही ऐसा था .

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