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Saturday 29 August 2020

सोया मेरा मित्र आज चिर निद्रा में

सोया मेरा मित्र आज चिर निद्रा में 

देखो देखो मेरे भाईयों 
सोया मेरा मित्र आज चिर निद्रा में 

आज इसे, कोई सुध बुध नहीं 
कौन आया है मेरे घर के आँगन में 

कल तक जो, घर में पैर रखते ही 
दौड़कर  हमे, लगा लेता था गले 

पुरे घर को जगाकर 
मेरा मित्र आया, मेरा मित्र आया 
जो जता देता था 

आज पता नहीं क्या हुआ उसे 
सोये हुए हैं चीर निद्रा में। 

सोफे पर बैठते ही 
पानी का भरा गिलास थमा देता था 

यह बोलते हुए कि 
पहले तू भरपेट पानी पी ले 
फिर बैठ करेंगे हम भरपेट बातें 

देखो आज वह कैसे,
बिदास्त सोया पड़ा है 

कौन आ रहा है कौन जा रहा है 
देखो आज इसे कुछ नहीं पड़ा है

बताओ, कुछ पल में ही वह कैसे 
इतना निष्ठुर मन का हो सकता है 

जिसका कोमल सा दिल था 
आज वह एक शिला सा कैसे हो सकता है  

ये वो नहीं है गर विश्वास न हो तो 
एक बार उसे जगाकर तो पुछ लो 

देखना वो उठकर यही बोलेगा 
पता नहीं कैसे मित्र 
आज तेरी आहट को भी नहीं सुन पाया

तुरंत खड़े होकर हाथ जोड़कर
बोल उठेगा...........................  
माफ़ कर दे आज मेरे दोस्त 

पानी वानी पीया की नहीं 
तू रुक, बैठ, मैं पानी लाता हूँ 
फिर साथ में भोजन भी करते हैं 

मुझे भी बहुत तेज भूख लगी है 
आज इस गहरी नीद के चक्कर में 
दोपहर से मैंने भी कुछ नहीं खाया है !

                                                     -BLOGGER अjay नायक  

 

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