मेरे घर से उठ रही है,
भिनि भिनि सी खुशबू
खुशबू कहाँ से आ रही है,
भाई आकर तो देख जाओ
इसी बहाने आज आकर तो मिल जाओ।
आज हमने घर मे,
पकाया है पसंद की सेवाईंया
कहाँ कहाँ पक रही है
भाई आकर देख जाओ सेवाईंया
इसी बहाने आज आकर तो मिल जाओ।
पक रहा है हमारे घर में,
बच्चों की प्रिय शिरखुर्मा,
जो आपका भी है बहुत पसंदीदा
भाई आकर, एक बार तो चख जाओ
इसी बहाने आज आकर तो मिल जाओ।
कल ही बाज़ार से,
खरीदा है एक नया इतर
जिसने बना दिया है, पूरे घर को खुशनुमा
भाई आकर कपड़ों में लगा जाओ
इसी बहाने आज आकर तो मिल जाओ।
पता है हमे
आप हो शुद्ध शाकाहारी
तभी लाये बाजार से नए बर्तन
भाई आकर बर्तन ही देख जाओ
इसी बहाने आज आकर तो मिल जाओ।
कसम ख़ुदा की हैं खाते,
आपका धर्म भ्रष्ट कभी होने नही दूंगा
जो तुम खाओगे वही हम भी खाएंगे
बस भाई एक बार आ जाओ
किसी भी बहाने हमसे मिलकर चले जाओ।
- BLOGGER अjay नायक
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