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Wednesday, 12 May 2021

चाय की मिठास, और पति पत्नी की कड़वी मीठी निकझोंक

 चाय की मिठास, और पति पत्नी की कड़वी मीठी निकझोंक




चाय की थोड़ी सी मिठास, गयी थी जो बढ़,
उसपर तड़कर बोल पड़े पति महोदय
जाग उठा था जो उनके अंदर ka मर्द।
फिर कहाँ पत्नी महोदया रहती पीछे
उन्होंने भी जगा लिया अपना दुर्गा रूप 
और फिर वे भी झललाकर पड़ी बोल।
इस प्रकार से, लड़कर दोनों ek दूसरे से
जाकर बैठ गए घर ke, अलग-अलग कोने me।
कुछ देर to, दोनों hi मुँह फुलाए बैठे रहे
पा जाते अगर, to ek दूसरे को कच्चा ही खा जाते।
लेकिन, जैसे थोड़ा गुस्सा शांत हुआ, पूछ बैठे रब से
He भगवान, बता...............
इसमें मेरी क्या ख़ता थी
जो इतना ho गया बवाल।
बस थोड़ी सी hi to, चाय मीठी ho गयी थी, 
और हमने to, चाय मीठी ho गयी है यही कहा। 
भगवान बोले........................
ना तेरी खता, ना उसकी खता,
ना तेरा दोष, ना उसका दोष
तेरे प्यार की मिठास, कुछ ज्यादा गयी थी बढ़,
कहीं आगे चलकर जीवन me,
तम्हारे सुखी जीवन को, कर न दें डिशबैलेंस 
उसी को मैं कर रहा था, थोड़ा-थोड़ा बैलेंस।


-BLOGGER अjay नायक 

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