हम दोनों मिलकर..................
चलो बनाए एक सपनो का घर
जहां सिर्फ हम ही हम होंगे
जहां सिर्फ विश्वास की हवा होगी
जहां सिर्फ प्यार का वास होगा
हम दोनों मिलकर..................
चलो बनाए एक सपनो का घर
जहां सिर्फ ईमानदारी का राज होगा
जहां सबके लिए दार खुला होगा
जहां की खुशबू में प्यार महकेगा
हम दोनों मिलकर..................
चलो बनाए एक सपनो का घर
जहां सब मिलकर साथ रहेगें
जहां सभी प्राणियों का एक आवास होगा
जहां पेड़ों पर चिड़ियों का कौलोहल होगा
हम दोनों मिलकर..................
चलो बनाए एक सपनो का घर
जहां मनभेद की जगह मतभेद होगा
जहां इंसानियत की हर जगह नमन होगा
जहां एक डाल पर कौओं, कोयलिया का बसेरा होगा
हम दोनों मिलकर..................
चलो बनाए एक सपनो का घर
आहा! तब कितना मजा आयेगा
एक टेबल पर बैठकर हम सब
मिलकर एक सुर में गायेंगे
मेरा भारत महान, मेरा भारत महान
हम दोनों मिलकर..................
चलो बनाए एक सपनो का घर
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’
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