जीवन का सफर
जीवन का सफर बड़ा सुहाना
पल पल पर यहां परीक्षा देना
कोई साथ चला, तो
कोई साथ छोड़ गया
कोई आगे बढ़ गया, तो
कोई पीछे छूट गया
कोई पराया, अपना बन गया, तो
कोई अपना ही पराया बन गया
हर समय कुछ अफसाना बना
हर घड़ी कोई न कोई बेगाना बना
जिसे, जब जब मिला मौका
वह तब तब, हमें रौंदता चला गया
इसी में खुशियों वाला दोस्त मिला
हर पल साया बन साथ दिया
जब जब उसे याद किया
तब तब पास दौड़ा चला आया
ऐसे ही जीवन कटते चला गया
हमारा कारवाँ आगे बढ़ते चला गया।
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’
this is a great piece of wor, many congratulations
ReplyDeleteTHANKS
DeleteThanks for writinng this
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